Table of Contents
- 1 TDS ka Full Form kya hota hai।
- 2 TDS Kya hai – टीडीएस क्या होता है ।
- 3 TDS को बैंक द्वारा किस तरह कटौती की जाती है।
- 4 TDS किस — किस पर लागू होता है।
- 5 सैलरी पर TDS कैसे कैलकुलेट किया जाते है।
- 6 TDS रिफंड कैसे लिया जाता है ?
- 7 TDS के फ़ायदे क्या है?
- 8 Canclusion
- 9 TDS Kya Hai ?
- 10 TDS Full Form in hindi क्या है ?
- 11 टीडीएस क्यों काटा जाता है ?
- 12 TDS Kya Hai ?
- 13 टीडीएस कितना प्रतिशत कटता है?
TDS Kya hai? यह सवाल बहुत लोगो के मन होता है की आखिर TDS होता क्या है और TDS के फुल फॉर्म क्या होते है उन सभी के बारे हम आपको इस पोस्ट के मध्यम से बताने वाले है। इसके अलावा TDS के कितने परकार होते है। टीडीएस की पूरी परक्रिया क्या है चलिए जानते है टीडीएस क्या होता है और TDS Ka Full Form क्या है, टीडीएस की क्यू कटौती की जाती है सरकार के द्वारा ।
TDS ka Full Form kya hota hai।
T.D.S Full Form in hindi में होता– “Tax Deducted At Source” (श्रोत पर कर कटौती ) टैक्स डिडक्टेड ऐट सोर्स यानि स्त्रोत पर की गई टैक्स (कर) कटौती होता है।
TDS Kya hai – टीडीएस क्या होता है ।
दोस्तो आपका कभी न कभी TDS जरूर कटा होगा फिर चाहे वह सैलरी के माध्यम से हो या फिर FD इंटरेस्ट पर कटा गया होगा। ऐसे बहुत से लोग है जो टीडीएस के बारे में ज्यादा कुछ नहीं जानते है तो आखिर TDS Kya hai
टीडीएस एक सिस्टम है जिससे भारत की आयकर विभाग द्वारा टैक्स कलेक्ट किया जाता है।
टीडीएस को बहुत से लोग डिफरेंट टैक्स के रूप में समझते है लेकिन ऐसे नही है TDS एक परकार का इनकम टैक्स ही होता है।
TDS kya hota hai – तो आप इसे कुछ इस परकार से समझ सकते है। TDS को मूल रूप से दो तरीके द्वारा सबसे अधिक कटौती की जाती है। TDS को आसान भाषा में समझते है— सबसे पहला
सैलरी के रूप बैंक द्वारा इंटरेस्ट के रूप में
TDS को बैंक द्वारा किस तरह कटौती की जाती है।
उदाहरण के लिए : Mr Shyam ने SBI में 5.00 lac रुपर Fd ( Fixed Deposit) के रूप में अपने पैसे को जमा करते है और उन्हें बैंक की तरह जमा किया हुआ राशि पर 10 % फीसदी की दर से उन्हें हर साल 5 लाख पर इंटरेस्ट दिया जा रहा है।
तो उन्होंने हर साल अपने 5 लाख पर बैंक से 50,000 रुपए इंटरेस्ट दिए जा रहे है। लेकिन वही Mr Shyam वह अगले साल अपने इंटरेस्ट के पैसे को किसी काम को लेकर निकालना चाहते है। तो वह बैंक जायेंगे सब ड्यूक्यूमेंट देने के बाद बैंक उन्हे 50,000 की जगह 45,000 रुपए देता है।
सरकार और आयकर विभाग के नई नियम के अनुसार जब बैंक दस हजार से अधिक रकम Fd (Fixed Deposit) इंटरेस्ट के रूप में करते है तो बैंक को 10% फीसदी के अनुसार TDS कटना होता है।
सरकार के द्वारा न्यू TDS नियम के अनुसार जब भी बैंक Fd (Fixed Deposit) के इंटरेस्ट के रूप में Mr Shyam को उनके इंटरेस्ट का पैसा देगी तो बैंक 10% फीसदी TDS (टीडीएस) के रूप में बैंक आयकर विभाग में जमा कर देगी।
तो इस तरह बैंक दस हजार से अधिक इंटरेस्ट पर 10% फीसदी की दर से बैंक TDS टैक्स लेती है अथवा उस पैसे को आयकर विभाग में जमा कर देती है। दोस्तो अब आपको समझ आगया होगा की किस तरह से बैंक FD इंटरेस्ट पर TDS की कटौती करता है।
वार्षिक आय (इनकम) | टैक्स रेट नई टैक्स व्यवस्था |
2.5 लाख रु. तक | शून्य Zero |
रु.5 लाख – रु.7.5 लाख | 10% |
रु.7.5 लाख – रु.10 लाख | 15% |
रु.10 लाख – रु.12.5 लाख | 20% |
रु.12.5 लाख – रु.15 लाख | 25% |
TDS किस — किस पर लागू होता है।
अब आपने यह समझ लिया है की TDS बैंक किस तरह कटौती करती है चलिए अब यह जानते है की किस – किस लागू होता है।
- सैलरी
- कमीशन
- प्रोफेशनल फीस
- इंटरेस्ट
- किराया आदि।
- इन सभी पर आपको TDS आयकर विभाग को देने होते है लेकिन इन पर भी अलग फीसदी के अनुसार टीडीएस देने होते है।
सैलरी पर TDS कैसे कैलकुलेट किया जाते है।
सालार भासा में समझे तो टीडीएस का मूल मंत्र होता है आपकी इनकम पर सरकार को टैक्स के रूप में कुछ पर्सेंटेज देना टीडीएस सैलरी को पेमेंट करने वाले “पेयर” द्वारा काटा जाता है।
जैसे– हम इसे इस तरह समझ सकते है जब एंप्लॉयर द्वारा एम्प्लॉय ( Employee) को सैलरी का अमाउंट देने से पहले एंप्लॉयर को TDS टैक्स के रूप में उसकी सैलरी से डिडक्ट किया जाता है। टीडीएस की कटौती होने के बाद अमाउंट को एंप्लॉयर को सरकार को टीडीएस को आयकर विभाग में जमा करनी होती है।
उसके बाद एंप्लॉयर को अपने एंप्लॉयर को अपने Employees को टीडीएस सर्टिफिकेट भी जारी करने होते है, इस सर्टिफिकेट के जरिए एम्प्लॉयज अपनी टेक्स्ट रिफंड फाइल के जरिए टेक्स्ट छूट को वापस भी ले सकते है।
TDS रिफंड कैसे लिया जाता है ?
आप किस तरफ अपने टीडीएस रिफंड के लिए आवेदन कर सकते है। इसके लिए आपको टीडीएस काटने वाली सांस्था से डीटीएस कटवाले वाले व्यक्ति को फार्म 16/16A सर्टिफिकेट होना जरूरी इसके बिना आप किसी भी तरह के टीडीएस रिफंड के लिए आवेदन नहीं कर सकते है।
कभी कभी ऐसे भी लोगो का डीटीएस काट जाता है जिनकी आमदनी 2.50 लाख से कम होती है। नई टैक्स नियम के अनुसार 2.5 लाख काम सालाना इनकम वाले लोगों टैक्स्ट पेयर के दायरे में नहीं आते है। तो उनका लगती से कभी TDS सैलरी में काट जाते है।
असेसमेंट ईयर में इनकम टैक्स रिटर्स फाइल(ITR) दर्ज़ करवा सकते है। वह अपने नियोक्त से टीडीएस( TDS ) फॉर्म 15G / 15H/ भरकर टीडीएस की कटौती होने से रोक सकते है, और अपनी टीडीएस की बचत कर सकते है।
TDS के फ़ायदे क्या है?
सरकार तक अपनी धन की राशी को पहुंचता है।
टीडीएस भरने से कर की चोरी को सरकार द्वारा पकड़ा जा सकता है। टीडीएस टैक्स ( कर पर श्रोत होती है) जिसका फायदा डायरेक्ट और देश को होता है। और इसका इस्तेमाल सरकार देश की डेवलपमेंट और शिक्षा के विकाश के लिए किया जाता सकता है।
Canclusion
इस तरह टीडीएस के जरिए आप देश की इकोनॉमिक और डेवलपमेंट योगदान दे सकते है। हम उम्मीद सकते है की आपको यह सिंपल और सालार भाषा में समझने की कोशिश की है। की TDS kya hai और आप कैसे TDS tax Kya hai। इन सभी के बारे आपको यह जानकारी कैसे लगी हमे कमेंट करके बता सकते है।
और साथ हमने आपको TDS Full Form in hindi क्या है यह भी बताने की कोशिश की है। इससे जुड़ी कोई सुझाव या सवाल हो तो जरूर कमेंट के जरिए पूछे जिससे आपके प्रोब्लम पूरी तरह से सॉल्व किया जा सके है।
यह भी पढ़े –
Frequently Asked Questions (FAQ)
TDS Kya Hai ?
सरकार टैक्स दो तरह से लेती है। पहला है डायरेक्ट टैक्स और दूसरा प्रकार है इनडायरेक्ट टैक्स। TDS सरकार द्वारा इनडायरेक्ट टैक्स का तरीका है।
TDS Full Form in hindi क्या है ?
Tax Deducted At Source (श्रोत पर कर कटौती ) टैक्स डिडक्टेड ऐट सोर्स यानि स्त्रोत पर की गई टैक्स (कर) कटौती होता है|
टीडीएस क्यों काटा जाता है ?
TDS सरकार द्वारा इनडायरेक्ट टैक्स का तरीका है। इससे टैक्स की चोरी को रोका जाती है।
TDS Kya Hai ?
सरकार टैक्स दो तरह से लेती है। पहला है डायरेक्ट टैक्स और दूसरा प्रकार है इनडायरेक्ट टैक्स। TDS सरकार द्वारा इनडायरेक्ट टैक्स का तरीका है।
टीडीएस कितना प्रतिशत कटता है?
अगर फिक्स्ड डिपॉजिट पर मिला ब्याज 10 हजार रुपए से अधिक है, तो उस पर 10 फीसदी की दर से टीडीएस काटा जाएगा।